लोन सेटलमेंट क्या होता है? प्रोसेस भी जानिए

लोन सेटलमेंट क्या होता है? क्या आप इसी को सर्च कर रहे हैं? आप अकेले आदमी नहीं है जो लोन से परेशान हैं। आपकी समस्या को मैं समझ सकता हूँ।

बैंक लोन सेटेलमेंट का प्रोसेस

यह आर्टिकल लोन सेटेलमेंट की सही और प्रैक्टिकल जानकारी देगा। साथ ही बैंक से लोन सेटेलमेंट के प्रोसेस के बारे में भी बतायेगा। यह लेख लोन सेटेलमेंट 2024 के नियमों पर आधारित है।

लोन सेटलमेंट क्या होता है?

लोन सेटेलमेंट एक बैंकिंग प्रोसेस है जिसके तहत, लोन नहीं चुकाने वाले व्यक्ति को, बैंक लोन में खास छूट देकर के लोन को क्लोज करने का ऑफर देता है।

उदाहरण: मान ले कि अपने बैंक से ₹1 लाख का लोन लिया है और आप किसी कारणवश चुका नहीं पाते हैं। लोन का मूलधन,  इंटरेस्ट एवं अन्य शुल्क मिलकर के कुल राशि ₹2 लाख होता है।

बैंक आपको ऑफर करता है कि, अगर आप ₹2 लाख की जगह ₹1 लाख 20 हजार रुपए जमा कर देंगे तो, आपका लोन हमेशा के लिए क्लोज हो जाएगा। इसी को लोन सेटेलमेंट कहते हैं।

लोन सेटेलमेंट से आपको नुकसान किंतु बैंक को फायदा

आपको लगता होगा कि लोन सेटेलमेंट से आपके कुछ पैसे बच गए। वास्तव में जब कभी भी आप लोन सेटेलमेंट करते हैं तो आपका सिबिल स्कोर बुरी तरह प्रभावित होता है।

जिससे आप भविष्य में नहीं ले पाएंगे, जब तक कि आपका सिविल स्कोर ठीक ना हो जाए। लोन सेटेलमेंट के बाद सिबिल स्कोर अच्छा होना लगभग नामुमकिन होता है।

याद रखिएगा कि बैंक कभी भी लोन के मामले को कोर्ट ले जाना पसंद नहीं करता है। कोर्ट कचहरी और रिकवरी एजेंट में जितने पैसे खर्च होंगे। उस आधे रुपए में, वह आपके साथ सेटलमेंट करवाना ज्यादा पसंद करता है।

लोन सेटेलमेंट सिर्फ उन व्यक्तियों के लिए अच्छा है जो जिंदगी में दोबारा और लोन लेना नहीं चाहते हैं। इसलिए कहा जाता है कि, लोन सेटेलमेंट का विकल्प सोच समझ कर ही लें।

बैंक से लोन सेटलमेंट का प्रोसेस 2024

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के 2024 के नियम के अनुसार, लोन सेटेलमेंट एक वह तरीका है, जिसे कुछ लोग वन टाइम सेटलमेंट भी कहते हैं।

स्टेप 1 – लोन सेटेलमेंट ऑफर: जब आप लंबे समय तक लोन का EMI बैंक को नहीं देते हैं तो ऐसे में रिकवरी एजेंट या बैंक के अन्य अधिकारी आपको लोन सेटेलमेंट का ऑफर करेंगे।

स्टेप 2 – मोल भाव: बैंक के अधिकारी के साथ आप अच्छे से मोलभाव कर सकते हैं। मोलभाव करने से आपको लोन की कुल राशि का 60% तक छूट मिल सकता है।

स्टेप 3 – पैसे जमा करें:  मोलभाव करने के बाद, जिस अमाउंट पर बात फिक्स होता है। उतने पैसे बैंक के जमा करके रिसीव ले लें।

स्टेप 4 – NOC लें:  लोन क्लोज करवाने के बाद, आपको NOC जरूर लेना चाहिए, ताकि बैंक भविष्य में आप पर कोई दवा ना ठोक सकें।

इन चार स्टेप से बैंक लोन सेटेलमेंट का प्रोसेस पूरा हो जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में आपका सिविल स्कोर बुरी तरह प्रभावित होगा।

लोन सेटेलमेंट का विकल्प: लोन रिस्ट्रक्चरल

अगर आप चाहते हैं कि, भविष्य में दोबारा किसी बैंक से लोन ले और आपका सिबिल स्कोर खराब ना हो, इसके जगह आप लोन रिस्ट्रक्चर करवा सकते हैं।

लोन रिस्ट्रक्चर क्या होता है? लोन रिस्ट्रक्चरल उन लोगों के लिए उपयोगी है जो अपना मासिक किस्त को कम करना चाहते हैं।

उदाहरण: मान ले कि अपने ₹400000 का लोन 4 सालों के लिए लिया है और आपका ईएमआई ₹12000 प्रति महीना है।

आपको लगता है कि आपका मासिक किस्त 12000 रुपया प्रति महीना ज्यादा है। तो उसे काम करवाने के लिए लोन की अवधि को 4 साल से बढ़कर 6 साल या 8 साल के लिए कर सकते हैं।

लोन की अवधि भरने से आपका मासिक किस्त काम हो जाएगा। इस प्रक्रिया से आपका सिविल स्कोर किसी प्रकार से भी प्रभावित नहीं होगा।

Conclusion Points

अक्सर लोगों को लगता है कि लोन न चुकाने से उसे जेल जाना पड़ सकता है। इसी डर से लोग लोन सेटेलमेंट का विकल्प चुनते हैं।

लोन सेटेलमेंट का विकल्प उन लोगों के लिए अच्छा है जो दोबारा जिंदगी में कभी भी किसी बैंक से लोन लेना नहीं चाहते हैं। लोन सेटेलमेंट से सिबिल स्कोर इतना खराब हो जाता है कि उसे जल्दी कहीं पर भी लोन नहीं मिल पाता है।

अगर आप भविष्य में दोबारा लोन लेना नहीं चाहते हैं तो आप लोन सेटेलमेंट के विकल्प को चुन सकते हैं। अगर आप लोन सेटेलमेंट करने के लिए बैंक से अच्छे मोलभाव करते हैं तो आपको 60% तक का लोन में छूट मिल सकता है।

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