लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है? 20 लाख से कम है तो नहीं

ना जाने आप जैसे कितने लोग हैं जो हर रोज गूगल पर सर्च करते हैं कि, क्या लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है? इस प्रश्न का पर्याप्त उत्तर, अभी तक किसी भी website पर correct नहीं लिखा गया है.

लोन नहीं चुका कर भी जेल जाने से बचें

अभी तक आपको बैंक के रिकवरी एजेंटों और वेबसाइट की जानकारियों ने सिर्फ डराया है. आज मैं आपको बचने का तरीका बताऊंगा. प्रश्न उठता है कि देश के कानून का फायदा उठा करके, अगर विजय माल्या बच सकते हैं तो आप क्यों नहीं.

अगर आप ने ₹20 लाख से कम लोन लिया है तो जेल नहीं हो सकती है. RDB और SARFAESI Act आप पर नहीं लगेगा. आइए बचने के तरीके जानते हैं.

पहले स्टेप बाय स्टेप जानिए कि, बैंक क्या करेगा?

बैंक पहला कदम: मासिक किस्त की देरी या ना भरने पर बैंक के एजेंट आपको फोन कर सकते हैं या ई-मेल या एसएमएस भी कर सकते हैं.

दूसरा कदम: लगातार तीन किस्त नहीं भरने पर, बैंक आपके नोटिस भेज सकती है. उसमें आपको लोन सेटेलमेंट या लोन रिस्ट्रक्चर करने के लिए कह सकते हैं. जिसमें लोन रिस्ट्रक्चर के तहत लोन की अवधि को बढ़ाकर के मासिक किस्त को कम करने की बात कहेंगे.

तीसरा कदम: अगर आप नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर सकती है.

चौथा कदम: बैंक का उसके बाद अगला कदम होगा कि, आपके लोन को NPA घोषित कर दें.

पांचवा कदम: लोन को NPA घोषित करने के बाद, बैंक मामले को अदालत ले जा सकते हैं.

छठा कदम: अदालत लोन लेने या लोन लेने वाले के गारंटर की संपत्ति की नीलामी का आदेश दे सकती हैं.

सातवां कदम: नीलामी के राशि से बैंक की लोन और कानूनी कार्रवाई के खर्चे अदा हो जाती है तो ठीक है. नहीं होने पर..

आठवां कदम: फिर से मामला अदालत जाएगा लोन लेने वाले व्यक्ति पर फौजदारी का केस चलेगा. यहां तक बैंक को पहुंचने में कई साल लग जाते हैं.

प्रैक्टिकल बात: बैंक लोन वसूली करने के लिए कभी भी कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाना पसंद नहीं करता है। कोर्ट कचहरी और रिकवरी एजेंट पर जो खर्च आता है उसे आधे में या उससे काम में बैंक सेटेलमेंट का विकल्प चुनता है।

रिकवरी एजेंट से ना डरे: रिकवरी एजेंट कभी भी बैंक का एंप्लॉय नहीं होता है। लोन देने वाले बैंक, किसी थर्ड पार्टी कंपनी से रिकवरी का काम करवाती है।

रिकवरी एजेंट सिर्फ उन व्यक्तियों को ही डरता है जो उनसे डरता है। अगर आप रिकवरी एजेंट से डटकर मुकाबला करेंगे तो आपके पास भूल से भी नहीं भटकेंगें।

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लोन ना चुकाने को लेकर के भारत में कौन-कौन से कानून हैं?

लोन ना चुकाने को लेकर के देश में कई कानून हैं. अगर देखा जाए तो मुख्य तौर पर 6 कानून है, जो आपके लिए निम्नलिखित हैं.

  1. आईपीसी की धारा 403 
  2. आईपीसी की धारा 415
  3. आईपीसी की धारा 138
  4. आईपीसी की धारा 420
  5. लोन वसूली और दिवालियापन अधिनियम 1993 (आरडीबी अधिनियम)
  6. वित्तीय संपत्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा हितों का प्रवर्तन अधिनियम 2002 (SARFAESI अधिनियम).

आईपीसी की धारा 403: यह कानून संपत्ति की बेईमानी से संबंधित है. इस धारा के तहत अधिकतम 2 वर्षों सजा का ही प्रावधान है.

आईपीसी की धारा 415: कानून की धारा तब लगती है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर के धोखा देता हो खासकर के संपत्ति के मामले में.

आईपीसी की धारा 138: चेक बाउंस होने पर इसी धारा के तहत राजपाल यादव जेल गए थे.

आईपीसी की धारा 420: कोई व्यक्ति जाली दस्तावेज देकर के लोन इस इरादे से लेता है कि उसे कभी भी भुगतान करना ही नहीं है, उस व्यक्ति पर यह धारा लगती है और अधिकतम सजा 7 वर्षों की है.

आरडीबी अधिनियम 1993: इस अधिनियम के तहत अगर किसी व्यक्ति ने ₹2000000 से अधिक का लोन लिया है उसी पर यह धारा लगता है.

SARFAESI अधिनियम: इस अधिनियम जमीन से संबंधित लोन पर लागू नहीं होता है. यह अधिनियम उन लोन पर लागू होता है जिस लोन का सिर्फ ब्याज ब्याज ₹100000 से अधिक हो.

₹20 लाख से कम का लोन ना चुकाने पर क्या होता है?

अगर किसी व्यक्ति ने ₹2000000 से कम का लोन लिया है तो इसका सीधा सा मतलब है कि उसका ब्याज ₹100000 से कम ही होगा.

इसका सीधा सा मतलब है कि, उस व्यक्ति पर ना तो SARFAESI और आरडीबी कानून के तहत केस चलेगा. अब रही आईपीसी धारा वाले कानून का क्या रुख होगा?

आईपीसी धारा 420 उन पर लगेगा जो इरादतन लोन ना चुकाने के लिए जाली दस्तावेज देकर के लोन लिया है.

बैंक आप जैसे ईमानदार को कैसे फंसाते हैं? जब आप बैंक से लोन लेते हैं तो बैंक आपसे आगे की तिथि वाला पोस्ट डेटेड चेक लेती है. यह चेक बाउंस होने पर, राजपाल यादव के तरह आईपीसी की धारा 138 के तहत जेल जाना पड़ सकता है.

टेक्निकल प्वाइंट को समझिए: राजपाल यादव लोन नहीं चुकाने की वजह से जेल नहीं कहते बल्कि उनका चेक बाउंस करने की वजह से जेल गए थे. अगर आपने बैंक को आगे की तिथि वाला चेक दिया है तो आपको चिंता करना चाहिए.

आईपीसी की धारा 403 और 415 उन लोगों पर लगता है जो जानबूझकर के संपति होने के बावजूद लोन अदा नहीं करना चाहते हैं.

अदालत लोन ना चुकाने वाले को, जेल कब भेज सकती है?

अभी तक यह देखा गया है कि जो लोग धोखेबाजी से loan लेते हैं और वह जानबूझकर के लोन अदा नहीं करना चाहते हैं. उन लोगों जेल जाना पड़ा है.

कोई आप जैसा अच्छा इंसान, बैंक से लोन लेता है लेकिन किसी भी आर्थिक परेशानी की वजह से लोन अदा करने में पूरी तरह असमर्थ है.

ऐसे व्यक्तियों के साथ बैंक के साथ-साथ अदालत भी मानवीय व्यवहार करता है. अदालत सबसे पहले संपत्ति नीलाम करने का आदेश देती है. संपत्ति की नीलामी के बाद, जो भी राशि आती है. उससे पहले बैंक के लोन और कानूनी कार्रवाई में हुए खर्चे को दिया जाता है.

अगर राशि बच जाए तो लोन धारक को दे दिया जाता है. नीलामी के बाद अगर राशि घट जाए तो लोन धारक पर सर्टिफिकेट का केस चलता है.

प्रभात समाचार के अनुसार, झारखंड के गिरिडीह जिले में किसी व्यक्ति ने ₹400000 का लोन लिया था और ब्याज मिलाकर के ₹500000 तक हो गया था. पहले अदालत ने संपत्ति नीलाम करने का आदेश दिया था.

नीलामी से उतना पैसा नहीं आ पाया तो अदालत ने उसे जेल जाने की सजा सुना दी. मेरे अनुसार यह व्यक्ति बच सकते थे.

बचने के उपाय: जब उस व्यक्ति को पता था कि मेरे संपत्ति की नीलामी से उतना पैसा नहीं आएगा. उससे पहले ही उसको अपने आप को अदालत के समक्ष दिवालिया घोषित कर देना चाहिए था.

भारत में दिवालिया कानून है. किसी कानून का फायदा उठा कर के विजय माल्या जी बचे थे. दिवालिया कानून के तहत अगर आप अपने आप को दिवालिया घोषित कर देते हैं तो आपका संपत्ति का अधिकार खत्म हो जाता है.

आपके संपत्ति की नीलामी के बाद, अगर जो भी रुपया आया, वह पहले बैंक को दिया जाता है. अगर बज जाएगा तो सरकार को दिया जाएगा. नीलामी के बाद अगर रुपया घर जाएगा तो आप जेल जाने से बच सकते हैं.

अगर नहीं चुका पा रहे हैं लोन तो न हों परेशान, यहां पढ़ें अपने ये अधिकार   

यह बिल्कुल सही है कि लोन एक महत्वपूर्ण वित्तीय जिम्मेदारी होती है और आपके द्वारा उधारी गई राशि की वापसी समय पर करनी चाहिए।

लेकिन, यह भी सत्य है कि आपके पास आपके अधिकार होते हैं और बैंक या NBFC आपके साथ गलत तरीके से व्यवहार नहीं कर सकते हैं। RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने लोन लेने और वसूलने के बारे में निम्नलिखित नियम और अधिकार स्थापित किए हैं:

1. व्यवहार के समय की सीमा: बैंक के ऑफिसर या रिकवरी एजेंट केवल सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक ही आपसे कॉल कर सकते हैं और आपके घर जा सकते हैं। इसके बाहर के समय में उन्हें आपसे संपर्क करने का अधिकार नहीं होता है।

2. धमकाने और डराने का प्रतिबंध: बैंक या ऋण प्रदाता आपको धमकाने या डराने का प्रतिबंधित है। वे आपको यह भावना नहीं दे सकते कि आपको ऋण की वापसी न करने पर कोई बुरे परिणाम होगा।

3. शिकायत करने का अधिकार: यदि आपके साथ ऋण प्रदाता या उसके प्रतिनिधि की तरफ से गलत व्यवहार किया जाता है, तो आप इसकी शिकायत ग्राहक पुलिस या अन्य उपयुक्त नियामक अधिकारी के पास कर सकते हैं।

4. पेनल्टी का अधिकार: आपके साथ धमकाने या डराने के तत्व मौजूद होने पर, आप बैंक या ऋण प्रदाता के खिलाफ पेनल्टी की मांग कर सकते हैं।

यदि आपके साथ ऐसी स्थिति हो रही है तो आपको उपयुक्त प्राधिकरण या नियामक अधिकारी से सलाह लेना चाहिए और अपने अधिकार का पालन करने के लिए उन्हें जानकारी देना चाहिए।

Conclusion Points

Loan na chukane par jail ho sakti hai? मेरे हिसाब से नहीं, बशर्ते कि समय रहते हुए ही लोन धारक अपने आपको कोर्ट के समक्ष दिवालिया घोषित कर दें.

कोर्ट के समक्ष दिवालिया उन व्यक्ति को घोषित करना चाहिए, जिसके पास पहले से संपत्ति नहीं हो या वह भी तो उन्होंने बेच दिया हो या किसी को दे दिया हो.

KCC लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा?

अगर आपने लोन लिया है और चुकाने में पूरी तरह असमर्थ है. आपको घबराने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है. आपको अच्छे वकील से इससे संबंधित सलाह मशवरा करना चाहिए.

लोन ना चुकाने की समस्या है, तो कमेंट करें.

FAQs+

समय पर लोन ना चुकाने पर क्या क्या हो सकता है उससे संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर को आर्टिकल के अगले भाग में लिखा गया है. अगर आप इससे पढ़ते हैं तो ज्यादा ज्ञान अर्जित कर पाएंगे.

प्रश्न (1) – लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है?

उत्तर – हां, लोन नहीं चुकाने पर जेल हो सकती है. हालांकि लोन का सेटलमेंट करके जेल जाने से बचा जा सकता है.

प्रश्न (2) – पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा?

उत्तर – पर्सनल लोन एक प्रकार का असुरक्षित लोन (Unsecured) होता है. अगर लोन की अदायगी समय पर ना की जाए तो जेल जाना पड़ सकता है.

प्रश्न (3) – क्या बाइक लोन ना चुकाने पर जेल हो सकती है?

उत्तर – बाइक लोन एक प्रकार से सुरक्षित (Secured) लोन है लोन ना चुकाने पर कंपनी बाइक रिकवर कर सकती है. जेल होने की उम्मीद कम होती है.

प्रश्न (4) – क्या सुरक्षित लोन ना चुकाने पर जेल हो सकती है?

उत्तर – सुरक्षित लोन में सबसे पहले बैंक के पास गिरवी रखी हुई संपत्ति को बैंक जप्त करती है. अगर उससे पूरा धन वापस ना हो तो आगे की कानूनी कार्रवाई होती है. 

प्रश्न (5) – अगर अनसिक्योर्ड लोन ना चुकाने जाए तो क्या हो सकता है?

उत्तर – असुरक्षित लोन ना चुकाने पर भी जेल हो सकती है. हालांकि सेटलमेंट करके जेल जाने से बचा जा सकता है.

प्रश्न (6) –  यदि बाइक लोन नहीं चुकाया गया तो क्या होगा?

उत्तर – यदि बाइक लोन का भुगतान नहीं किया जाता है, तो बैंक बकाया राशि की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई कर सकता है। जिसमें आपकी बाइक का रिकवरी कर सकता है, साथ ही आपका सिविल स्कोर भी खराब होगा।

बैंक आपसे बाइक रिकवर करने के बाद, आपकी बाइक को नीलामी पर डाल देगा। नीलामी से जो भी रुपया आएगा।

बैंक उसे बचा हुआ मूलधन और ब्याज लेने के बाद, रुपया बचने की स्थिति में आपको वापस कर देगा। अगर घट जाए तो आप पर कानूनी कार्रवाई कर सकता है।

प्रश्न (7) – क्रेडिट कार्ड लोन का भुगतान न करने के परिणाम क्या हैं?

उत्तर – क्रेडिट कार्ड लोन का भुगतान न करने पर देर से भुगतान शुल्क, ब्याज दरों में वृद्धि और आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान हो सकता है। बकाया राशि की वसूली के लिए ऋणदाता कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है।

प्रश्न (8) – एनपीए का क्या full form है?

उत्तर – एनपीए का मतलब नॉन-परफॉर्मिंग एसेट है। यह उन ऋणों या अग्रिमों को दिए गए वर्गीकरण को संदर्भित करता है जिन्होंने उधारकर्ता द्वारा भुगतान न करने के कारण ऋणदाता के लिए आय उत्पन्न करना बंद कर दिया है।

प्रश्न (9) – लोन चुकाने पर क्या सज़ा है?

उत्तर – लोन का भुगतान न करने पर विशिष्ट सज़ा क्षेत्राधिकार और लोन के प्रकार के आधार पर भिन्न होती है। हालाँकि, इसमें कानूनी कार्रवाई, संपत्ति पर कब्ज़ा, वेतन में कटौती या कुछ मामलों में कारावास भी शामिल हो सकता है।

प्रश्न (10) – यदि मैं लोन नहीं चुकाता तो क्या मेरी बाइक वापस ली जा सकती है?

उत्तर – हां, यदि आप सहमत शर्तों के अनुसार अपना बाइक लोन चुकाने में विफल रहते हैं, तो Bank को आपकी बाइक को संपार्श्विक के रूप में वापस लेने का अधिकार है। इससे वे इसे बेचकर अपने घाटे की भरपाई कर सकते हैं।

प्रश्न (11) – यदि मैं अपने क्रेडिट कार्ड लोन पर चूक करता हूं तो क्या मेरा क्रेडिट स्कोर प्रभावित होगा?

उत्तर – हां, क्रेडिट कार्ड लोन पर चूक करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ेगा। 3 महीने के अंदर ही आपका सिबिल स्कोर डाउनलोड हो जाएगा।

प्रश्न (12) – क्या एनपीए के रूप में वर्गीकृत होने से बचने का कोई तरीका है?

उत्तर – एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) के रूप में वर्गीकृत होने से बचने के लिए, बैंकों के साथ सहमत शर्तों के अनुसार, अपने लोन को समय पर भुगतान करना होगा।

प्रश्न (13) – मैं लोन का भुगतान न करने से संबंधित मुद्दों को कैसे हल कर सकता हूं?

उत्तर – यदि आपको लोन चुकाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो बैंक के साथ संवाद करना और वैकल्पिक भुगतान व्यवस्था पर चर्चा करना सबसे अच्छा है।

जब तक आप नियमित भुगतान फिर से शुरू नहीं कर सकते, लोन को रिस्ट्रक्चर करवाने के लिए बैंक से आग्रह कर सकते हैं।

16 thoughts on “लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है? 20 लाख से कम है तो नहीं”

  1. प्रमोद कुमार सिंह

    आपका कोटि-कोटि धन्यवाद, मैं रिकवरी एजेंट से बहुत परेशान था. आपने बहुत अच्छी जानकारी दिया है

    1. Maine ek NBFC company se loan liya tha lekin aarthik tangi k karn mai loan ka bhugtaan pichle 7 month se nai kr paa raha hu jis karn company ne mujh recall notice bhej diya hai to plz mujhe batay mai kya kru.. or phone pr mujhe Delhi lok Adalaj and ko bolrahe hai jb ki mai chandigarh me rehta hu

  2. मेरे पुत्र ने credit card से 5 लाख का lon लिया था, ब्याj मिला कर lon की rasi 12 लाख हो गई है, पुत्र के पास अब जॉब नहीं है, ऐसे में lon की kist नहीं चुका रहा है, पुत्र के नाम कोई संपति नहीं है, ऐसे में क्या bank वाले मुझे या मेरी पत्नी को lon भरने के लिए तंग कर सकते है, पुत्र हमारे साथ नहीं रहता, lon के लिए हम से कोई राय नहीं ले थी

  3. maine apna business loan 5 lakh ka liya tha pr korona ke karan mera business band ho gaya
    ab m loan jama karne m asmarth hu mere pass itna paisa nhi ki m jama kar saku is dasa m mujhe kya karan chahiye jisase mujhe koi paresani nahi ho sir

  4. Meri fr..ne car li thi loan pr , car k exident k vajah se kharcha bahot aaya to us car ko repair karake usne emi pe bech diya ab samne vala loan emi nhi bhar raha to aegent garenter ko pareshan kr rahe he or wo car bhi nhi mil rahi , ab meri fr..pe case hone vala he , 7 lakh ki car or 1.5 lakh vayaj , iske liye koi upay bataiye

  5. Paytm se 2 lakh ka loan liya tha, job nhi hone ke kaaran mai EMI nhi bhar pa rha hu, har mahine ki 15000 panalty laga kar mera loan ab 4 lakh se jyada ho gya hai, 10,000 kam arha hu, jis se mera ghar kharch miskil se chalta hai,
    Bank wale Dhamki dete hai, kuch samjh nhi aa rha. Kya kru m.
    Unhone mujhe bol diya ki aap suside kar lo hum loan. Maaf kar denge. 😭😭 kya kru mai.
    Kujhe lagta hai last option Suside hi hai. 😭😭😭😭😭

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