किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन न चुकाने पर क्या होगा? बचने के तरीके जानिए

किसान क्रेडिट कार्ड लोन न चुकाने पर, आपके साथ क्या-क्या होगा? इसको लेकर चिंता करने से बेहतर है कि, आप उससे पहले बचने के उपाय ढूंढ लें.

किसान क्रेडिट कार्ड का लोन नहीं चुकाया तो क्या होगा

मैं आपको डरा लूंगा नहीं, बल्कि आपको परेशानी बाहर निकलने का विकल्प बताऊंगा. इस लेख के दो पक्ष होंगे, पहला अधिकतम क्या हो सकता है और दूसरा बचने के क्या-क्या विकल्प मौजूद हैं.

लोन माफी के बारे में आगे लिखा गया है.

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KCC लोन न चुकाने पर क्या होता है?

जब कोई व्यक्ति किसान क्रेडिट कार्ड जैसे लोन नहीं चुकाता है तो, उनके साथ बैंक क्या-क्या करता है? पहले चरण दर चरण समझिए:

बैंक का पहला स्टेप: जब आप पहला या दूसरा मासिक किस्त समय पर नहीं दे पाएंगे तो बैंक के अधिकारी आपको फोन कर सकते हैं.

दूसरा स्टेप: अगर आप लगातार तीन मासिक किस्तों को जमा नहीं करते हैं तो ऐसी स्थिति में बैंक अपने रिकवरी एजेंट को आपसे संपर्क करने के लिए कह सकते हैं.

तीसरा स्टेप: Recovery Agent के संपर्क करने के बावजूद, अगर आप लोन की मासिक किस्त जमा नहीं करते हैं तो बैंक तंग आ कर के आप को नोटिस जारी कर सकती है.

चौथा स्टेप: अगर आप नोटिस का जवाब नहीं देते हैं. ना ही आप लोन के सेटेलमेंट या रिस्ट्रक्चर के लिए जाते हैं. ऐसे स्थिति में आपके लोन को बैंक एनपीए घोषित कर देगा.

पांचवा स्टेप: लोन के एनपीए घोषित होने के बाद, मामला अदालत चला जाएगा.

छठा स्टेप: अदालत सबसे पहले बैंक के दलील को सुनता है और उसके बाद ज्यादातर उम्मीद होता है कि वह जमीन नीलामी का आदेश देगा.

सातवां स्टेप: जमीन की नीलामी से जो भी रुपया आएगा उससे पहले बैंक का कर्ज अदा किया जाएगा. साथ ही कानूनी कार्रवाई और अदालत में जो भी खर्च आए होंगे. वह उसी जमीन से लिया जाएगा.

अगर रुपया जमीन नीलामी करने के बाद बच जाए तो, लोन धारक को वह पैसा मिल जाएगा.

आठवां स्टेप: अगर जमीन की नीलामी से उतना पैसा नहीं निकल पाया तो लोन डिफॉल्टर पर फौजदारी का केस चलेगा. और यह केस में लोन नहीं अदा करने वाले डिफॉल्टर को जेल जाना पड़ सकता है.

यह सभी कुछ तब होगा, जब लोन लेने वाले एक व्यक्ति ने हाथ पर हाथ धरकर रखा होगा. लोन लेने वाला व्यक्ति, अगर किसी भी 8 स्टेप में से इंटरफेयर करेगा तो वह बच सकता है.

आइए, अब बचने के तरीके जानते हैं.

केसीसी ऋण के लिए एनपीए मानदंडों का नियम क्या है?

जब एक व्यक्ति एक बैंक से लोन लेता है और उसके पास लोन की प्रतिभूति करने की क्षमता होती है, तो बैंक उसे नियमित अंतराल पर भुगतान करने के लिए notice भेजता है।

अगर किसी कारणवश ऋण धारक को यह भुगतान नहीं करने की समर्थन होती है, तो वह बैंक के संपर्क में नहीं आता है और ना ही किसी तरह का उत्तर देता है। बैंक ऐसे स्थितियों में भी कुछ समय के लिए इंतजार करता है, क्योंकि कई बार लोन लेने वाला व्यक्ति बिना किसी असुविधा के भुगतान करने के लिए प्रासंगिक तारीख का इंतजार करता है।

हालांकि, यदि समय बीतने के बावजूद व्यक्ति को अपने ऋण का सेटलमेंट करने की इच्छा नहीं होती और बैंक को लगता है कि वह अब उपयुक्त कदर नहीं रखता है, तो बैंक आखिरकार उस ऋण को “गैर-प्रदायक खाता” (Non-Performing Asset, NPA) के रूप में घोषित करता है।

यह बैंक के लिए एक चिंता का कारण बन सकता है, क्योंकि NPA का संचय बैंक की वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है और वित्तीय समस्याओं की ओर पहुँच सकता है।

KCC लोन का सेटलमेंट कब होता है?

जब कोई केसीसी लोन लेने वाला व्यक्ति लगातार तीन बार मासिक किस्त नहीं देता है तो बैंक उस को नोटिस जारी करती है.

बैंक के द्वारा जारी के नोटिस में लोन की पूर्ण अदायगी या तीन छूटे हुए मासिक किस्त की अदायगी या लोन सेटेलमेंट का विकल्प देती है.

लोन सेटेलमेंट के तहत, बैंक आपको लोन की कुल राशि का 60% तक छूट के साथ एक बार में लोन की पूरी राशि चुकाने का ऑफर करता है।

लोन सेटेलमेंट से आपको तो तात्कालिक फायदा हो जाता है किंतु आपका सिबिल स्कोर बुरी तरह प्रभावित होता है! जिससे कि आप भविष्य में लोन नहीं ले पाएंगे।

जमीन नीलामी से बहुत बेहतर है लोन सेटेलमेंट

जमीन नीलाम होने पर डबल लॉस होता है जानिए. पहला लॉस: अगर आपको पता नहीं होगा तो पता कीजिए. अगर आप नीलामी के इतिहास को पता करेंगे तो, आपको पता चलेगा कि जब भी बैंक किसी संपत्ति को नीलाम करती है तो उसे मार्केट भाव से कम में बेच देती है.

दूसरा बड़ा लॉस: बैंक सिर्फ पर लोन और ब्याज का ही पैसा वसूल नहीं करती है. बल्कि कानूनी कार्रवाई के खर्चे के साथ-साथ अदालती खर्चों को भी जोड़ती है.

इन दोनों प्रकार के लॉस से बचने का अच्छा तरीका है कि किसी भी कीमत पर जमीन की नीलामी से बचा जाए. उसके लिए आपको लोन का सेटलमेंट करना आवश्यक है.

इसके लिए आपको बैंक के मैनेजर के साथ अच्छे से वार्तालाप करना होगा. उसे बताना होगा कि मेरी आर्थिक हालत पहले जैसे नहीं रही.

उससे आपको कुछ ब्याज पर माफी मांगा होगा. इसके लिए आप पोलिटिकल हेल्प ले सकते हैं. जब आपका ब्याज माफ हो जाएगा या कम हो जाएगा तो ऐसी स्थिति में आपका मासिक किस्त ऐसी भी घट जाएगा.

इसके अलावा बैंक मैनेजर को कह सकते हैं कि जो लोन मेरा 2 साल में पूरा होने वाला था उसकी अवधि बढ़ाकर के आप 4 साल कर दीजिए.

अगर आप इन दोनों हथ कंडो को अपनाएंगे तो आपका यह एमआई एक हजार रुपया महीना था तो घटकर के 300 या ₹400 हो जाएगा.

जमीन की नीलामी से बचने का दूसरा विकल्प

जमीन की नीलामी से बचने का आपके पास दूसरा विकल्प है कि आप मार्केट भाव में जमीन को बेच दीजिए. उससे जो पैसा आए आप उससे लोन को अदा कर दीजिए.

जो पैसा बच जाए उससे आप अपना नया कोई छोटा बिजनेस शुरू कर लीजिए. जैसे ही आप लोन अदा करेंगे तो आपका बैंक में क्रेडिट स्कोर भी अच्छा हो जाएगा. उसके बाद आप बैंक से एक नया बिजनेस लोन जैसे मुद्रा लोन ले सकते हैं.

इस प्रकार अपने बिजनेस को और बड़ा कर सकते हैं. बिजनेस जब बड़ा हो जाए तो फिर से आप उसी प्रकार के जमीन को वापस खरीद सकते हैं. ऐसे में जेल जाने की भी नौबत कभी नहीं आएगी.

अगर लोन माफ नहीं होता है तो क्या हर कीमत पर चुकाना होगा?

अगर लोन माफ नहीं होता है तो यह परम सत्य है कि आपको लोन हर कीमत पर चुकाना ही होगा. अगर आप लोनी चुकाते हैं तो आपकी जमीन की नीलामी तो होगी.

अगर आपने अग्रिम तिथि वाला कोई चेक बैंक को दिया है और चेक बाउंस हो जाए तो उस के उपलक्ष में भी जेल जाना पड़ सकता है.

जेल जाने से बचने का विकल्प: विजय माल्या

भारत में एक दिवालिया कानून है जिसका उपयोग करके विजय माल्या जैसे हजारों करोड़ लोन लेने वाला व्यक्ति बच गया.

दिवालिया कानून क्या होता है? कोई व्यक्ति के पास अधिकार होता है कि वह बैंक के समक्ष अपने आप को दिवालिया घोषित कर दें.

इसका मतलब यह हुआ कि उसके पास अब कोई भी संपत्ति नहीं बचा है और यदि कोई संपत्ति होगा भी तो वह अब सरकार का हो चुका है.

विजय माल्या ने बचने के लिए अपने संपत्ति को अलग-अलग कंपनी एवं रिश्तेदारों को ट्रांसफर कर दिया. उसके बाद उसने कोर्ट के समक्ष अपने आप को दिवालिया घोषित कर दिया.

जब कोई व्यक्ति दिवालिया घोषित करता है तो कोर्ट उसे जेल नहीं भेजती है. क्योंकि उसने पहले ही बता दिया है कि मेरे पास अब कुछ भी नहीं बचा है जो कुछ भी है वह सरकार का है.

भारतीय कानून के अनुसार, अदालत सिर्फ उसके संपत्ति को नीलाम करने का आदेश दे सकती है और उसे जेल नहीं भेज सकती हैं. अगर आपको भरोसा नहीं हो रहा है तो अपने वकील से आप दिवालिया एक्ट के बारे में जानकारी ले सकते हैं.

किसान क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने पर क्या होता है?

मृत्यु के स्थिति में केसीसी का क्या नियम है? किसान क्रेडिट कार्ड धारक के खाते में अगर जमा राशि है तो उसके उत्तराधिकारी एवं पत्नी को मिलेगा.

अगर किसी किसान क्रेडिट कार्ड धारक ने लोन ले रखी है और उसका किसी वजह से भी मृत्यु हो गई हो. ऐसे में लोन उसको चुकाना होगा जो कार्ड धारक के संपत्ति के हकदार होते हैं.

अगर मृतक का संपत्ति पाने वाला दूर-दूर तक कोई भी नहीं है तो ऐसे में पूरा संपत्ति बैंक नीलाम करने के बाद, जो पैसे बचेगी. वह सरकारी फंड में डाल दिया जाएगी.

मृतक के संपत्ति में हक पाने वाले उन सभी व्यक्ति को मिलकर के लोन अदा करना होगा, जो उसका हिस्सेदार बनना चाहते हैं.

उनमें से जो हिस्सेदार लोन अदा करने में सहमत नहीं होंगे वह उन संपत्ति से हिस्सेदारी से अपना हाथ धो सकते हैं. कानून के मुताबिक मृतक के संपत्ति के जो भी हकदार हैं उसे बैंक जाना चाहिए और लोन को अपने नाम पर ट्रांसफर करवा लेना चाहिए.

मृतक पहले जैसे अपना लोन का मासिक किस्त देते थे. अब उसका वह हकदार देंगे जिनके पास मृतक का संपत्ति है.

किसान क्रेडिट कार्ड का पैसा माफ होगा या नहीं

झारखंड कृषि लोन माफी योजना
झारखंड के किसानों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है. झारखंड सरकार ने गैर रैयत और रैयत किसानों के ₹50,000 तक का लोन माफ किया है. 

झारखंड किसान का कर्ज कब तक माफ होगा? लोन माफी योजना का फायदा 31 मार्च 2023 तक लिया जा सकता है.

हमारे बहुत सारे यूजर हैं जो हमें ईमेल करके यह प्रश्न पूछते हैं कि “किसान क्रेडिट कार्ड का लोन कब माफ होगा?” इसके पीछे एक खास कारण है कि राजस्थान में चुनाव से पूर्व कहा गया था कि 300000 केसीसी कार्ड धारकों के लोन माफ होंगे.

राजस्थान कृषि ऋण माफी योजना
राजस्थान सरकार ने केसीसी ऋण धारकों के ₹200000 तक के लोन माफ किए हैं. अगर आप राजस्थान से हैं तो आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं. लोन माफ करवाने के लिए ऑनलाइन अप्लाई अगर आप पर चुके हैं तो स्टेटस चेक कर सकते हैं.

राजस्थान में लोन माफ होने की घोषणा हो चुकी है. ऐसा ही हवा उत्तर प्रदेश में चल रहा है. यही कारण है कि हमारे यूजर इतने ज्यादा संख्या में ईमेल कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश केसीसी लोन माफी योजना 2024 
उत्तर प्रदेश सरकार ने केसीसी लोन धारकों का ₹100000 तक का लोन माफ कर दिया है. अधिक जानकारी के लिए आप ऑफिसयल वेबसाइट पर जा सकते हैं.

देखा जाए तो पिछले सालों से लगातार किसानों को अपने फसल में नुकसान हो रहा है. यही उम्मीद लगाकर के हैं कि सरकार उसका लोन माफ कर दें.

मध्य प्रदेश केसीसी लोन माफी योजना 2024 
मध्य प्रदेश सरकार ने भी अपने राज्यों के किसानों के ₹200000 तक के लोन माफ किए हैं. अधिक जानकारी के लिए ऑफिशियल लिंक पर विजिट कर सकते हैं.

2004 में पूरे भारत में किसानों के सभी प्रकार के लोन को माफ किए गए थे. उसी लोन माफी के वजह से यूपीए दोबारा सत्ता में आ गई थी.

हरियाणा कृषि ऋण माफी योजना 2024
हरियाणा सरकार ने अपने राज्य के किसानों के लिए ऋण में ब्याज दर एवं जुर्माना को माफ कर दिया है. अगर आप हरियाणा से हैं तो आपको लोन चुकाने का अभी के समय अच्छा मौका है.

ऐसा उम्मीद इस बार भी किया जा सकता है, क्योंकि 2024 में लोकसभा चुनाव है. मोदी सरकार को सत्ता में तिबारा वापसी के लिए बेकरार है. इसलिए आप अच्छी उम्मीद कर सकते हैं.

प्रैक्टिकल बात: रिकवरी एजेंट से डटकर मुकाबला कीजिए। अगर आप रिकवरी एजेंट से डर जाते हैं तो वह आपको बिलकुल डरा देगा।

रिकवरी एजेंट सामान्य तौर पर वह बैंक का एम्पलाई नहीं होता है। बैंक उसे किसी थर्ड पार्टी से हायर करता है। बैंक कभी भी कोर्ट कचहरी के चक्कर में नहीं फंसना चाहता है।

बैंक आपको कुछ समय बाद सेटलमेंट का ऑफर देगा। मोलभाव अगर आप ठीक से करेंगे तो आप 60% तक का लोन माफ करवा सकते हैं।

Conclusion Points

किसान क्रेडिट कार्ड लोन न चुकाने पर किसान को जेल हो सकती है. यह तभी मुमकिन है जब कोई किसान लोन की सेटलमेंट ना करें या फिर पूर्ण रूप से लोन अदा ना करें.

मेरी सलाह होगी कि आप लोन चुकाने में असमर्थ हैं तो आपको बैंक से संपर्क करना चाहिए. अपनी मासिक किस्त को कम करवाइए ताकि आप थोड़े-थोड़े करके ही लोन अदा करते रहें.

बिजनेस लोन ना चुकाने पर क्या जेल हो सकती है?

यह पूरी तरह सत्य है कि लोन लिया है तो हर कीमत पर चुकाना ही होगा. बेहतर है कि थोड़ा थोड़ा चुका कर के खुश रहने का अच्छा तरीका खोजा जा सकता है.

FAQs+

किसान क्रेडिट कार्ड का लोन नहीं चुकाने से क्या-क्या हो सकता है उनसे संबंधित कई अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर को आर्टिकल के अगले हिस्से में लिखा गया है.

अगर आप इन प्रश्नों के उत्तर को सही से पढ़ करके समझते हैं तो आप को ज्यादा ज्ञान मिलेगा. जिससे आप लोन की समस्या से निजात पा सकते हैं.

प्रश्न (1) – किसान क्रेडिट कार्ड लोन न चुकाने पर क्या नहीं हो सकता है?

उत्तर – किसान क्रेडिट कार्ड लोन ना चुकाने पर संबंधित बैंक के अधिकारी किसी किसान को अपमानित या मारपीट नहीं कर सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के गाइडलाइंस में यह अच्छे से बताया गया है.

प्रश्न (2) – केसीसी ऋण के लिए एनपीए के मानदंडों क्या हैं?

उत्तर – लोन लेने वाले किसान भाई अगर बैंक के नोटिस का जवाब नहीं देते हैं और ना ही सेटेलमेंट के लिए बैंक जाते हैं. ऐसी स्थिति में बैंक के पास अधिकार होता है कि वह किसी भी दिन को एनपीए में डाल देती है. 

जब केसीसी लोन को एनपीए में डाल दिया जाता है तो किसान भाइयों को 3% ब्याज का सब्सिडी का लाभ नहीं मिलता है.

प्रश्न (3) – KCC लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है?

उत्तर – केसीसी लोन नहीं चुकाने पर किसान की जमीन को जप्त किया जा सकता है यही नहीं उसे जेल भी जाना पड़ सकता है.

प्रश्न (4) – कृषि लोन न चुकाने पर क्या होता है?

उत्तर – अगर कोई किसान भाई कृषि लोन को समय पर नहीं चुका पाते हैं तो उसे जेल जाना पड़ सकता है.

प्रश्न (5) – अगर कोई किसान केसीसी लोन ना चुका पाए तो सरकार क्या मदद करती है?

उत्तर – अब तक के रिकॉर्ड के मुताबिक अगर कोई किसान भाई केसीसी लोन नहीं चुका पाते हैं तो सरकार के तरफ से किसी प्रकार का मदद नहीं होता है.

हां यह देखा गया है कि, चुनाव से पहले केसीसी लोन सरकार के द्वारा माफ किया जाता है. अगर आपके राज्य में या लोकसभा चुनाव होने वाला है तो थोड़ा इंतजार कर लीजिए।

6 thoughts on “किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन न चुकाने पर क्या होगा? बचने के तरीके जानिए”

  1. मोहन प्रकाश चटर्जी

    आपने सबसे सही जानकारी दिया है, इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए आपका धन्यवाद.

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